Friday, August 17, 2007

फक्त तुझ्याचसाठी





2 comments:

संदीप सुरळे said...

अतिशय सुंदर कविता..........
आवडली खुप खुप......

मंजिल तुझे मिलेगी
तेरी मंजिल की और बढता चला जा
गुजर जाएगे काफ़ीले बहुत
उनके लिये रास्ता ना मोड..जिंदगी की हर डगर चढता चला जा!

Sanjay Tiwari said...
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